Wednesday 28 December 2016

शादी के गिफ्ट में टॉयलेट मांगने वाली दुल्हन को 10 लाख का इनाम


शादी के तोहफे के रूप में अपने मायके वालों से ससुराल में शौचालय मुहैया करने की मांग करने वाली महाराष्ट्र की एक दुल्हन को एक स्वच्छता एनजीओ 10 लाख रूपये का पुरस्कार देगा. उसने शौचालय को वरीयता दी थी.
अपने विवाह में पिता से गहनों के बजाय शौचालय की मांग करने वाली युवती को सुलभ इंटरनेशनल ने 10 लाख रुपये का इनाम दिया है. महाराष्ट्र के अकोला जिले की रहने वाली चैताली गलाखे को अपनी शादी के कुछ दिनों बाद यह पता चला कि उनके ससुराल में शौचालय की सुविधा नहीं है.
स्वच्छ भारत अभियान से प्रेरित होते हुए अकोला जिले की महिला ने अपने ससुराल में शौचालय होने पर जोर दिया और शादी के अन्य तोहफों से पहले बुनियादी स्वच्छता जरूरतों को सामने रखा.
अकोला जिले के बालापुर तहसील स्थित अंदुरा गांव की चैताली गलाखे के प्रेरणादायी कदम की सराहना करते हुए सुलभ इंटरनेशनल ने आज उसके लिए 10 लाख रूपये के नकद पुरस्कार की घोषणा की.
इसकी घोषणा करते हुए प्रख्यात स्वच्छता विशेषज्ञ और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक बिंदेश्वर पाठक ने चैताली को एक महान स्वच्छता प्रेरक और संदेशवाहक बताया.
ग्रामीण महिला के कदम की सराहना करते हुए पाठक ने इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के अभियान के एक प्रभाव के तौर पर देखा, जो आम आदमी को स्वच्छता की जरूरतों की ओर प्रेरित करता है. उन्होंने उसे जल्द ही सुलभ स्वच्छता पुरस्कार के तौर पर 10 लाख रूपये का चेक दिये जाने की घोषणा की.
पाठक ने कहा, ‘‘मैं इसे मोदी की एक उपलब्धि मानता हूं जब उनकी सरकार ने एक साल पूरे कर लिये हैं.’’ महाराष्ट्र के यवतमल जिला निवासी के साथ चैताली की शादी देवेंद्र माकोडे से हुई है. अकोला के अंदुरा गांव में 15 मई को उसकी शादी में शौचालय निर्माण के सामान और एक वाश बेसिन सभी लोगों के आकषर्ण का केंद्र बने हुए थे.
चैताली ने बताया, ‘‘मेरी शादी तय होने के पांच दिन बाद, मुझे पता चला कि मेरे ससुराल में शौचालय नहीं है.’’ उसने बताया, ‘‘मैंने अपने पिता और चाचा से एक शौचालय मुहैया करने को कहा. उन लोगों ने मेरे अनुरोध को पूरा किया. मुझे लगता है कि शादी के दौरान आमतौर पर दिए जाने वाले अन्य सामानों से यह कहीं ज्यादा उपयोगी है.’’
विश्व बैंक के अनुसार, भारत में 53 फीसदी लोग खुले में शौच करते हैं. 

Source- ABP News

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