Sunday 25 September 2016

#Wisdomwords



*एक बार संख्या 9 ने 8 को थप्पड़ मारा*
*8 रोने लगा...*
*पूछा मुझे क्यों मारा..?*

*9 बोला...*
*मैं बड़ा हु इसीलए मारा..*

*सुनते ही 8 ने 7 को मारा*
*और 9 वाली बात दोहरा दी*

*7 ने 6 को..*
*6 ने 5 को..*
*5 ने 4 को..*
*4 ने 3 को..*
*3 ने 2 को..*
*2 ने 1 को..*

*अब 1 किसको मारे*
*1 के निचे तो 0 था !*

*1 ने उसे मारा नही*ं
*बल्कि प्यार से उठाया*
*और उसे अपनी बगल में*
*बैठा लिया*

*जैसे ही बैठाया...*
*उसकी ताक़त 10 हो गयी..!*
*और 9 की हालत खराब हो गई.*

*जिन्दगीं में किसी का साथ काफी हैं,*
*कंधे पर किसी का हाथ काफी हैं,*
*दूर हो या पास...क्या फर्क पड़ता हैं,*

*"अनमोल रिश्तों"*
*का तो बस "एहसास" ही काफी ह*ैं !
*बहुत ही खूबसूरत लाईनें..*

*किसी की मजबूरियाँ पे न हँसिये*,
*कोई मजबूरियाँ ख़रीद कर नही* *लाता..*

*डरिये वक़्त की मार से,*
*बुरा वक़्त किसीको बताकर नही आता..*!

*अकल कितनी भी तेज ह़ो,*
*नसीब के बिना नही जीत सकती..*

*बीरबल अकलमंद होने के बावजूद,*
*कभी बादशाह नही बन सका...!!"*

*"ना तुम अपने आप को गले लगा सकते हो,*
*ना ही तुम अपने कंधे पर सर*
*रखकर रो सकते हो* !

*एक दूसरे के लिये जीने का नाम* *ही जिंदगी है! इसलिये वक़्त उन्हें दो जो*
*तुम्हे चाहते हों दिल से!*

*रिश्ते पैसो के मोहताज़ नहीं होते* *क्योकिकुछ रिश्ते मुनाफा नहीं देते पर*
*जीवन अमीर जरूर बना देते है* "

*आपके पास मारुति हो या बीएमडब्ल्यू* -
*सड़क वही रहेगी* |

*आप टाइटन पहने या रोलेक्स* -
*समय वही रहेगा* |

*आपके पास मोबाइल एप्पल का हो या सेमसंग* -
*आपको कॉल करने वाले लोग नहीं बदलेंग*े |

*आप इकॉनामी क्लास में सफर करे*ं
*या बिज़नस में* -
*आपका समय तो उतना ही लगेगा* |

*भव्य जीवन की लालसा रखने या जीने में कोई बुराई नहीं हैं, लेकिन सावधान रहे क्योंकि आवश्यकताएँ पूरी हो सकती है, तृष्णा नहीं* |

*एक सत्य ये भी है कि*
*धनवानो का आधा धन*
*तो ये जताने में चला जाता है*
*की वे भी धनवान है*

*कमाई छोटी या बड़ी हो*
 *सकती है*....
*पर रोटी की साईज़ लगभग*
*सब घर में एक जैसी ही होती है।*

: *शानदार बात*

*बदला लेने में क्या मजा है*
*मजा तो तब है जब तुम*
*सामने वाले को बदल डालो..*||

*इन्सान की चाहत है कि उड़ने को पर मिले,*
*और परिंदे सोचते हैं कि रहने को घर मिले...* BY.

Friday 9 September 2016

दिवाली पर पटाखों पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे मासूम बच्चे


शुद्ध हवा में सांस लेने के अधिकार के लिए सुप्रीम कोर्ट में तीन नवजात बच्चों ने ऐसी याचिका दाखिल की है जो आपको भी सोचने पर मजबूर कर देगी. आपको बता दें कि 6 से 14 माह के तीन मासूम बच्चों ने दशहरे और दीपावली पर पटाखे जलाने पर पाबंदी लगाने की मांग की है.
6 से 14 महीने के बच्चों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर साफ हवा में सांस लेने के अधिकार की मांग करते हुए निर्देश देने की मांग की है. याचिका में मांग की गई है कि दशहरा और दीवाली जैसे त्योहारों पर पटाखों की ब्रिकी पर रोक लगाई जाए.
आपको बता दें कि अर्जुन गोपाल, आरव भंडारी और जोया राव भसीन नाम के इन बच्चों की ओर से उनके पिताओं ने जनहित याचिका दायर की है. इस याचिका में उन्होंने कहा है कि दिल्ली में वायु प्रदूषण के चलते हालात खराब हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि दिल्ली में त्योहार के वक्त पटाखों की वजह से कई बीमारियां भी हो रही हैं.
इसके साथ ही राजधानी के आसपास करीब 500 टन फसलों के अवशेष जलाए जाते हैं. ऐसे में सुप्रीम कोर्ट कोई ठोस दिशा निर्देश जारी करे और प्रदूषण पर रोक लगाए. सुप्रीम कोर्ट इस मामले की सुनवाई अगले हफ्ते कर सकता है.

भारतीय मूल के तेज दिमाग डॉक्टर ने जुगाड़ टेक्नोलॉजी से उड़ते प्लेन में एक 2 साल के बच्चे की जान बचाई, जिसको प्लेन में अचानक अस्थमा का अटैक आ गया था

डॉक्टर ने बच्चे को बचाने लिए तेजी से कप और बोतल के प्रयोग से इनहिलर बनाया और अस्थमा के अटैक को कंट्रोल कर लिया.

न्यूयॉर्क में रहने वाले डॉक्टर खुर्शीद गुरू कनाडा की प्लाइट से स्पेन से 18 सितंबर को अमेरिका जा रहे थे. जहां उन्होंने 2 साल के बच्चे को परेशानी में देखा. बच्चा रो रहा था और उसे सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. माता-पिता गलती से बच्चे की दवा को गलती से चेकइन लगेज में डाल दिया जो कि अंदर कार्गो शिप में रख दिया जाता है.
डॉक्टर गुरू ने बताया, बच्चे को सर्दी-जुकाम हो गया था और हम तीन-चार घंटे से फ्लाइट में थे. ठंड की वजह से बच्चे के कान बंद हो गए थे और बच्चे की रोते-रोते बूरी हालत हो गई थी. प्लेन के ऊपर जाने से ऑक्सीजन कम हो जाती है जो बच्चे के लिए खतरनाक होता है. बच्चे को ऑक्सीजन के साथ अस्थमा की दवाई की भी जरूरत थी. जबकि प्लेन में सिर्फ बड़े लोगों के लिए इनहिलर मौजूद था जो बच्चे को फिट नहीं हो रहा था.
जम्मू कश्मीर के मूलनिवासी डॉक्टर गुरू ने बच्चे की जान बचाने के लिए जुगाड़ लगाते हुए बोतल को काट कर एक नेबुलाइजर जैसी डिवाइस बनाई जिससे बच्चे को ऑक्सीजन और अस्थमा की दवाई साथ-साथ दी और बच्चे की जान बचाने में कामयाब रहे.
डॉक्टर गुरू ने  बताया बच्चे के मुंह के पास इनहिलर ले जाने पर उसने हटा दिया, फिर एक कप में छोटा सा छेंद कर के डिवाइस को बच्चे के मुँह की तरफ कर दिया. जिससे आधे घंटे में दो बार इलाज करने के बाद बच्चे की हालत में सुधार हो गया.

‘जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई’..जब पटरी पर गिरी ट्रेन के शौचालय में जन्मी बच्ची


'जाको राखे साईयां, मार सके ना कोई’ को चरितार्थ करते एक वाकये में बरेली जिले में ट्रेन के शौचालय में जन्मी एक बच्ची टॉयलेट सीट के पाइप के रास्ते पटरी के पास जा गिरी लेकिन उसे खरोंच तक नहीं आयी. ट्रेन को रकवाकर बच्ची को सुरक्षित उसकी मां को सौंप दिया गया.
पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) बृजेश श्रीवास्तव ने आज यहां बताया कि नेपाल के कंचनपुर निवासी पुष्पा टमटा (40) कल आंखों के इलाज के लिये बरेली आ रही थी. वह अकेली ही टनकपुर-बरेली पैसेंजर ट्रेन में सवार थी. ट्रेन जब बरेली के भोजीपुरा रेलवे स्टेशन पर रकी तो पुष्पा को प्रसव पीड़ा शुरू हो गयी.
उन्होंने बताया कि दर्द उठने पर पुष्पा बोगी स्थित शौचालय में चली गयी, वहीं उसने एक बच्ची को जन्म दिया लेकिन वह बच्ची टॉयलेट सीट के पाइप के रास्ते नीचे पटरी के पास गिर गयी. इसी बीच, ट्रेन चल पड़ी. नवजात शिशु के रोने की आवाज सुनकर प्लेटफार्म पर मौजूद लोगों ने शोर मचाया जिसे सुनकर कुछ यात्रियों ने जंजीर खींचकर रेलगाड़ी को रकवाया. इस बीच, कुछ लोगों ने बच्ची को रेलवे ट्रैक से उठाया.
श्रीवास्तव ने बताया कि सूचना मिलने पर राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) के कांस्टेबल नकुल कुमार और जीआरपी थाने के मुंशी रिषिपाल सिंह ने एम्बुलेंस मंगवायी और जच्चा-बच्चा को भोजीपुरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भेजा.
स्वास्थ्य केन्द्र के प्रभारी डाक्टर सौरभ ने बताया कि पुष्पा और उसकी बेटी बिल्कुल स्वस्थ हैं. बच्ची को खरोंच तक नहीं आयी है.
News source- Abp news