Wednesday, 28 December 2016

मैंने तो सिर्फ मदद मांगी थी, उन्होंने धक्के मारकर भगा दिया..बेटे को खोने वाले पिता की आप बीती..


चार अफसरों को हटाने के बाद भी हमीदिया का हाल नहीं बदला है। मंगलवार सुबह सर्जिकल वार्ड-2 में भर्ती गुना के एक मरीज के पिता ने इलाज नहीं मिलने की शिकायत सीनियर डॉक्टर से की तो जूनियर डॉक्टरों ने उन्हें पीटकर बाहर निकाल दिया। दोपहर बाद मरीज की मौत हो गई। 

मेरे 20 साल के बेटे अमीन की आंतों में छेद थे। ऑपरेशन के बाद सर्जिकल वार्ड-2 में भर्ती किया गया। तबीयत ज्यादा खराब होने पर उसे वेंटिलेटर पर रखा। उसके पेट में पाइप लगा था, वह लीक हो रहा था। उसमें से खून और पानी बह रहा था। ड्यूटी डॉक्टर से शिकायत की तो ध्यान नहीं दिया। नर्सिंग स्टाफ से चादर बदलने को कहा, लेकिन नहीं बदली गई। सीनियर डॉक्टर राउंड पर आए तो उनसे शिकायत की। इस पर जूनियर डॉक्टर भड़क गए। एक ने मेरे साथ मारपीट शुरू कर दी। गार्ड भी गलियारे तक मुझे धक्का मारते रहे। दोपहर बाद बेटे की मौत हो गई।



अमीन के परिजन कोहेफिजा थाने में एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहुंचे। लेकिन पुलिस ने एफआईआर दर्ज नहीं की। कोहेफिजा टीआई अनिल वाजपेयी का कहना है कि जांच चल रही है। जल्दी आरोपी को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

वर्ष 2016 की आखिरी कैबिनेट बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी मंत्री अपने विभागों के बारे में सोचें। दो साल बचे हैं। न खाएं और न ही किसी को खाने दें। कुछ भी होता है तो जिम्मेदारी विभागीय मंत्री की होती है। हमीदिया का प्रकरण सबके सामने है। हमने अधिकारी हटाए या सस्पेंड किए। इसलिए मंत्री ध्यान रखें।

No comments:

Post a Comment