कहावत है कि पढ़ने की कोई उम्र नहीं होती, इंसान के अंदर जज्बा हो तो वह शिक्षा से तमाम ऊंचाइयों को छू सकता है. वेद, पुराण, कुरआन, बाइबिल सभी पवित्र किताबें शिक्षा को बढ़ावा देतीं है. शिक्षा के लिए तो लोग दूसरे देशों तक कि यात्रा कर अपने को उस विधा में निपुण बनाने का प्रयास करते हैं.
इसी को सत्यार्थ करते हुए पैंसठ वर्षीय वृद्ध जो अपने पढ़ाई के जज्बे को रोक न पाया और उसने उप्र बोर्ड की हाईस्कूल परीक्षा पढ़कर दे डाली और जब रिजल्ट आया तो वह अच्छे नम्बरों से पास भी हो गया. इसके बाद से ही पूरे इलाके के लोग अभी तक उसे बधाइयां दे रहे हैं. नतीजे आने के बाद से अभी तक इस बुजुर्ग को इस कदर शुभकामनाएं मिल रही हैं कि अब पूरे जनपद में वह सुर्खियों में आ गया है.
खागा तहसील के ग्राम रहमतपुर निवासी 65 वर्षीय अतहर अहमद खां को अपने निरक्षर होने की बात हमेशा अखरती रही. साक्षर मिशन से प्रभावित होकर वृद्ध अतहर ने हाईस्कूल की परीक्षा दे डाली और पहले ही प्रयास में वह सफल हो गया. इसके बाद धीरे-धीरे जब लोगों को अतहर के पास होने की सूचना मिली तभी से उसके घर बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है.
बुजुर्ग अतहर ने आईपीएन को बताया कि इस दुनिया में अब निरक्षर होने का कोई मतलब नहीं है. साक्षर व्यक्ति ही अपनी जिंदगी को रोशनी और उमंगों के साथ जी सकता है. इस बुजुर्ग ने सभी से आह्वान किया कि वह स्वयं पढ़ें और अपने बच्चों को भी पढ़ाने की कोशिश करें जिससे उनके ऊपर से निरक्षर होने का दाग मिट जाए.
Source- ABP News
No comments:
Post a Comment