ये कहानी महाराष्ट्र के जलगांव में रहने वाले विठोबा मांडोले की है. पति पत्नी और बेटे ने मिलकर इस खटिया के जरिए तीन एकड़ खेत की जुताई की है.
25 साल पहले विठोबा मांडोले के पास अपनी खेती हुआ करती थी. लेकिन कर्ज ने अपनी जमीन छीन ली. विठोबा के पास अपना खेत नहीं था लेकिन अच्छी बारिश के अनुमान ने विठोबा को हिम्मत दी. विठोबा ने तीन एकड़ खेत बटाई यानि किराए पर लिया और उसमें खेती करने का फैसला किया.
खेत जोतने के लिए बैल औजार नहीं थे लेकिन विठोबा ने बिना बैल और औजार के ही दो दिन के भीतर एक खटिया के जरिए 3 एकड़ खेत जोत दिया.
मुश्किल ये थी कि खुद की जमीन नहीं होने की वजह से विठोबा को कर्ज भी नहीं मिल रहा था लेकिन विठोबा की हिम्मत को देखकर कृषि विभाग भी हैरान रह गया है. ये विठोबा की मेहनत का कमाल है कि कृषि विभाग के कर्मचारी योजना से मदद नहीं कर पाए तो सबने चंदा करके विठोबा को दस हजार रुपए की मदद दी है.
महाराष्ट्र में पिछले दो सालों में सूखे की वजह से कई किसानों की आत्महत्या की खबरें सुर्खियां बनती रही हैं उसी महाराष्ट्र से एक किसान का ऐसा कमाल हर किसी के लिए मिसाल है. विठोबा ने जोते हुए खेत में कपास लगाई है और उम्मीद कर रहे हैं अच्छी बारिश से उनके खेत में लहलहाती फसल खड़ी होगी.
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