Saturday, 8 October 2016



साल 1971 में जब मैं बार्डर पर तैनात था तो पाक सैनिक बोलते थे कि तुम फायर नहीं कर सकते। तुम्हारे आदेश दिल्ली से आएंगे। हमारे आदेश हमारी जेब में हैं!

ये कहना है, भारतीय आर्मी चीफ दलबीर सुहाग के पिता रिटायर्ड सूबेदार रामफल सुहाग का। साल 1962, 65 और 71 की लड़ाई लड़ चुके सूबेदार रामफल बोले कि पीओके में आतंकी कैंप पर सर्जिकल स्ट्राइक पर बेटे ने सैनिकों के हाथ खोलकर पाक को सबक सिखाया तो मेरा सीना गर्व से चौड़ा हो गया।

अपने सैनिक कार्यकाल की एक घटना के बारे में रामफल सुहाग ने कहा, "मैं साल 1971 में पंजाब के फाजिल्का बार्डर के बांध पर तैनात था। तब लगता था कि हमारे हाथ बंधे हैं, लेकिन अब उड़ी हमले के जवाब में सर्जिकल स्ट्राइक की गई तो पता चला कि भारतीय सेना के आदेश बंदूक के ट्रिगर की अंगुली पर आ चुके हैं।

सूबेदार रामफल ने बताया कि उनके बेटे दलबीर को बचपन से ही सेना में जाने का शौक था। उन्होंने बेटे से कहा था कि दुश्मन को पीठ नहीं दिखाना, दुश्मन को छाती दिखाना। अब सर्जिकल स्ट्राइक के जरिए बेटे ने पाकिस्तान को ईंट का जवाब पत्थर से दिया है। सेना के जवानों ने देशवासियों में देशभक्ति का जज्बा और भर दिया है।

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