Saturday, 8 October 2016

कभी ठंड में ठिठुर के देख लेना ,
कभी तपती धुप में जल के देख लेना,
कैसे होती हैं हिफाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना,
कभी दिल को पत्थर कर के देख लेना,
कभी अपने जज्बातों को मार के देख लेना,
कैसे याद करते हैं मुझे मेरे अपने,
कभी अपनों से दुर रह के देख लेना,
कभी वतन के लिये सोच के देख लेना,
कभी माँ के चरण चूम के देख लेना,
कितना मजा आता हैं मरने में यारों,
कभी मुल्क के लिये मर के देख लेना,
कभी शनम को छोड़ के देख लेना,
कभी शहीदों को याद कर के देख लेना,
कोई महबूब नहीं हैं वतन जैसा यारों,

मेरी तरह देश से कभी इश्क करके देख लेना !!
भारत माता की जय

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