गौरतलब है कि ‘प्रथम’ या ‘SCATSAT-1 ’पहला सैटेलाइट कार्यक्रम है, जिसे देश में स्टूडेंट्स के द्वारा शुरू किया गया. इसे पांच साल के सागर और मौसम का अध्ययन करने के लिए भेजा जाएगा. इसके अलावा प्रथम के साथ अल्जीरिया, कनाडा और अमेरिका के साथ बंगलूरु के बनाए गए सैटेलाइट शामिल होंगे.
दरअसल, मुख्य सैटेलाइट 720 किलोमीटर की ऊंचाई पर सूर्य-स्थैतिक कक्षा में रहेगा. इन सैटेलाइट से होने वाले वैज्ञानिक अध्ययन से संचार त्रुटियों को ठीक करने में मदद मिलेगी और सुनामी की चेतावनी में भी मदद मिलेगी. इसके सफल प्रक्षेपण से मौसम का सटीक अंदाज़ा लगाने में काफ़ी सहायता मिलेगी
इस तरह तकनीक के क्षेत्र में भारतीय छात्रों ने अंतरिक्ष विज्ञान में एक नया आयाम हासिल करने की ओर अपना कदम बढ़ा दिया है.
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